करेला एक औषधिय फल-सब्ज़ी है जो ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में सहायता करता है। करेले में कई पोषक तत्व पाए जाते हैं जैसे – विटामिन, मिनरल्स, आयरन, जिंक, पोटाशियम, कैलशियम और फौसफोरस।
करेला में कैंसर से लड़ने वाले गुण पाए जाते हैं और यह ल्यूकेमिया के लिए सबसे बेहतरीन दवाई के रूप में काम करती है। डायबटीज़ के लिए करेला सबसे कारगर उपचारों में से एक है। करेले जूस का एक छोटा कप इनसुलिन लेवल को बढ़ाने में मदद करता है। डायबटीज़ का भले ही कोई स्थायी इलाज ना हो, लेकिन करेला शुगर लेवल और डायबटीज़ के लक्षणों को नियंत्रित करता है।करेला डायबटीज़ रोगियों के लिए ही नहीं बल्कि सांस की बीमारियों, लिवर, किडनी, ब्लैडर व मुहांसों की तकलीफ़ों में औषधि का काम करता है। करेले के बीज प्लांट इनसुलिन यानि पौलिपेपटाइड-पी से युक्त होते हैं जो ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है।
- इसमें प्रचुर मात्रा में पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं। इसमें दो खास तत्व हैं – मोमोरडिन व कैराटिन – जो ब्लड शुगर लेवल को कम करते हैं और शरीर में ग्लूकोस के पाचन को बेहतर करते हैं। कैराटिन ब्लड शुगर को कम करके नियंत्रित करता है।
- करेले में नैचुरल तत्वों के कारण पैनक्रियाटिक इनसुलिन भी अधिक मात्रा में पाया जाता है जिससे इनसुलिन का प्रतिरोध कम होता है। इसी कारण यह टाइप-1 और टाइप-2 डायबटीज़ के लिए लाभदायी है।
- करेला प्राकृतिक रूप से खून साफ करने में सहायक है और आयरन से भरपूर है जिससे अनीमिया की बीमारी में लाभ मिलता है।
- करेले में मौजूद एंटीऑक्सिडंट्स शरीर से फ्रि-रैडिकल्स को खत्म करने में सहायता करते हैं।
- इसमें फाइबर अधिक होता है जो कब्ज़ और पेट की समस्याओं को दूर करता है। इससे अमाशय के जूस भी बेहतर काम करते हैं।
- करेला जूस सुबह खाली पेट लेने से रोग प्रतिरोधक शक्ति में सुधार होता है।
- करेले में पाया जाने वाला बीटा-केरोटिन आंखों से संबंधित परेशानियों को दूर करता है।
- इसमें पाए जाने वाले तत्व पेट के कीड़ों को भी खत्म करते हैं।
सावधानी: करेला जूस का सीमित मात्रा में सेवन करना चाहिए क्योंकि इसका अधिक सेवन पेट में दर्द व दस्त का कारण बन सकता है। सेवन से पहले अपने डॉक्टर या हेल्थकेयर प्रोफेशनल से बात करें।