ब्लड शुगर लेवल की जांच करते समय कभी न करें यह 8 गलतियाँ

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अनबीटेबल- सतीश राव
4.8
(5)

डायबिटीज के साथ जीवन जीना और इस का मैनेजमेंट, कुछ ज़रूरी नियमों के पालन से जुड़ा होता है, जिसमें नियमित रूप से ब्लड शुगर लेवल का टेस्ट करना सबसे ज़रूरी हिस्सा है। आप अपने ग्लूकोज के स्तर पर न सिर्फ अपने खान – पान, व्यायाम और जीवनशैली में हुए बदलावों के प्रभाव को समझ सकते हैं, बल्कि आप अपने इस सफ़र में शामिल आपके डायबिटीज शिक्षक या हेल्थ एक्सपर्ट के साथ इसकी चर्चा भी कर सकते हैं, जो डायबिटीज को नियंत्रित करने और सामान्य ब्लड शुगर लेवल को बनाए रखने में आप की बेहतर मदद कर सकते हैं। अगर आप भी अपना शुगर लेवल जांचते समय कुछ गलतियां कर रहे हैं, तो आपको विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है। 

हालांकि शुगर टेस्टिंग डिवाइस (उपकरण) यानि कॉम्पैक्ट ग्लूकोमीटर बार-बार शुगर टेस्ट करने की सुविधा प्रदान करता हैं, चाहे आप ऐसा करते आ रहे हो लेकिन फिर भी इन डिवाइस का इस्तेमाल हमेशा सही देखभाल के साथ और सही दिशानिर्देशों के साथ किया जाना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि रीडिंग सही आ रही है। आइए डायबिटीज को नियंत्रित करने के लिए शुगर जांच करने वाले डिवाइस का इस्तेमाल करके ब्लड शुगर लेवल की रीडिंग लेते समय आमतौर पर की जाने वाली कुछ गलतियों पर एक नज़र डालें।

ब्लड  शुगर लेवल की रीडिंग लेते समय न करें यह 8 गलतियाँ

डायबिटीज मैनेजमेंट के महत्वपूर्ण हिस्से के रूप में, आपको कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना है, कुछ ऐसे गलतियाँ का ध्यान रखना चाहिए, जो ग्लूकोमीटर खरीदते समय, उपयोग के समय और रीडिंग लेते समय नहीं होनी चाहिए। 

1. ऐसा ग्लूकोमीटर ख़रीदना जो आपके लिए उपयोगी न हो

हर किसी की जीवनशैली और ज़रूरतें अलग-अलग होती हैं लेकिन एक चीज़ जो सभी डायबिटीक के लिए समान रहती है रोज़ अपने ब्लड शुगर लेवल को मापना। अगर आप अक्सर सफ़र करते हैं, तो आपको एक ग्लूकोमीटर की ज़रुरत होती है जो ब्लड शुगर लेवल को मापने के लिए, कहीं भी ले जाने में आसान और तुरंत रीडिंग देने वाला हो। बुजुर्गों के लिए बड़े डिस्प्ले वाला ग्लूकोमीटर इस्तेमाल करना और पढ़ना ज्यादा सुविधाजनक होगा। इसलिए ग्लूकोमीटर खरीदते समय अपनी आवश्यकता का विशेष ध्यान रखें। 

2. ऐसा ग्लूकोमीटर ख़रीदना जो आपके स्वास्थ्य बीमा द्वारा कवर नहीं किया गया हो

जब डायबिटीक द्वारा उपयोग किए जाने वाले ग्लूकोमीटर को कवर करने की बात आती है तो कुछ बीमा कंपनियों के पास पहले से निर्धारित मानदंड होते हैं। ऐसे मामले में, हमेशा ऐसे डिवाइस और डायबिटीज से जुड़ी अन्य चीजों का चयन करने की सलाह दी जाती है जिसके लिए कवरेज उपलब्ध है, क्योंकि यह आपको लंबे समय तक भारी लागत को कवर करने में मदद करेगा।

3. ग्लूकोमीटर का गलत सेटअप और जांच का गलत समय

अगर तारीख, दिन और समय से जुड़े बुनियादी शुगर टेस्ट ठीक से नहीं किये जाते है, तो आपकी सभी रीडिंग रिमाइंडर और शुगर लेवल लॉग गड़बड़ा सकते हैं। इसके अलावा, खाने के तुरंत बाद ब्लड शुगर लेवल टेस्ट करना एक और बड़ी गलती है क्योंकि इससे रीडिंग गलत आती है। अगर आप डायबिटीज इंसुलिन का उपयोग कर रहे हैं तो ज्यादा सावधानी रखें।

 4. शुगर टेस्टिंग से पहले हाथ न धोना

सफाई बनाए रखना ब्लड शुगर लेवल की जांच का अब तक का सबसे ज़रूरी हिस्सा है। रीडिंग लेने से पहले हाथ धोना याद रखें, भले ही आपके हाथ साफ क्यों न दिखें। खास तौर से अगर आपने रीडिंग लेने से पहले किसी फल को पकड़ा है, तो यह आपके जांच के परिणामों पर काफी असर डालता है।

5. उंगलियों पर सुई चुभाना 

उंगली पर सुई चुभाना दर्ददायक तो होता ही है, बल्कि इससे खून भी कम निकलता है। उँगलियाँ सभी तंत्रिका सिरे (नर्वस एंडिंग) से बनी होती हैं और इन्सान के शरीर का सबसे संवेदनशील हिस्सा होती हैं। इसलिए सबसे अच्छा तरीका यह है कि हाथों को उँगलियों और हथेलियों को एक साथ दबाकर किनारों पर सुई चुभाएँ।

6.जांच के परिणामों पर नज़र न रखना

लगातार टेस्टिंग करना लेकिन शुगर लेवल के परिणामों पर नज़र न रखना आपके लिए गलत शाबित हो सकता है। अगर कोई डायबिटीज रोगी रीडिंग पर नज़र नहीं रख रहा है, तो वे यह समझ नहीं पाएंगे कि उन का ब्लड शुगर लेवल कितना बड़ा है।

7. खाना छोड़ना

खाना न खाने से आपके ब्लड शुगर लेवल का स्तर बढ़ सकता है जिससे डायबिटीज के लिए प्रतिरोध या इंसुलिन की स्थिति पैदा हो सकती है।

 8. हाइड्रेटेड न रहना

शराब से बचें और इस बात का ध्यान रखें कि आप पर्याप्त मात्रा में पानी पियें क्योंकि डिहाइड्रेशन आपके ब्लड शुगर लेवल को असंतुलित कर सकता है। पानी की कमी से शरीर की पूरी कार्यप्रणाली प्रभावित होने का भी खतरा होता है।

इन सभी गलतियों से बचा जा सकता है अगर कोई भी अपनी शुगर रीडिंग को लेकर थोड़ा सतर्क रहे और यह ध्यान दें कि वह ग्लूकोमीटर का इस्तेमाल करते समय सभी सावधानियों का पालन कर रहा है। हालांकि नियमित रीडिंग लेना उतना ही ज़रूरी है, जितना डायबिटीज के लिए इंसुलिन लेना। ध्यान दें कि जांच के परिणाम हर बार सटीक हों और डायबिटीज मैनेजमेंट ऐप में आप की सुविधा के लिए सेव किये जाएं।

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