डायबिटीज़ में लंबे समय तक अनियंत्रित रहने वाला ब्लड ग्लूकोज़ कई समस्याओं का कारण बन सकता है और व्यक्ति परेशान हो सकता है, जिसमें भूख बढ़ने से लेकर जल्दी-जल्दी पेशाब होना, अंधापन आना और पैरों में आने वाली समस्याएं शामिल हैं। डायबिटीज़ की परिस्थिती में पैरों में आने वाली समस्याएं दो प्रकार की हो सकती है..
- डायबिटीक न्यूरोपैथी:
डायबिटीज़ समय के साथ तंत्रिकाओं को नुकसान पहुंचा सकता है। यह अपनी चरम सीमा पर पीड़ित लोगों में सनसनी महसूस कराता है और कई मुश्किलों का कारण बनता है।
इस स्थिति में व्यक्ति को अपने पैरों में जलन भी महसूस होती है। अगर इस समस्या पर समय से ध्यान न दिया जाए तो यह आगे चलकर घावों और फफोलों का कारण बन सकता है।
- पेरिफेरल वैस्कुलर बीमारी:
डायबिटीज़ धमनियों सहित आपके रक्त वाहिकाओं में भी पर्याप्त परिवर्तन कर देता है। इस प्रकार की जटिलता में जमा हुआ अतरिक्त फैट मस्तिष्क और दिल को नुकसान पहुंचाता है।
यह रक्त वाहिकाओं को भी प्रभावित करता है, जिससे यह प्रवाह कम हो जाता है और हाथ व पैर में समस्या उत्पन्न होती है। यह कई तरह के दर्द, संक्रमण और घावों का कारण बन सकता है। कुछ मामलों में यह गंभीर संक्रमण का रूप भी ले लेता है।
उचित देखभाल है जरूरी
पैरों की उचित देखभाल समस्याओं को रोकने में मदद कर सकता है और गंभीर जटिलताओं का कारण बनने से पहले उनका इलाज करने में मदद करता है। पैरों की देखभाल के लिए नीचे कुछ सुझाव दिए जा रहे हैं, जिनका आप पालन कर सकते हैं:
- हेल्दी खान-पान लें, व्यायाम करें और नियमित दवा का सेवन करें।
- अपने रक्त ग्लूकोज़ लेवल का ध्यान रखें और जो आपका डॉक्टर सलाह दे, उसका पालन करें।
- अपने पैरों को हर रोज़ गर्म पानी में धोएं और केवल हल्के साबुन का उपयोग करें। अपने पैरों को सूखाकर रखें।
- घावों, फफोलों या किसी अन्य समस्या के लिए प्रतिदिन अपने पैरों की जांच करें।
- अगर आप अपने पैरों को शुष्क महसूस करते हैं, तो लोशन लगाने से परहेज करें।
- सुनिश्चित करें कि अपने पैर की उंगलियों के बीच लोशन न डालें।
अगर आप अपने पैरों के लिए किसी तरह के लोशन का उपयोग करते हैं, तो सबसे पहले डॉक्टर से सलाह लेना सुनिश्चित करें कि आपके लिए सही क्या रहेगा? इसके अलावा आप बीटओ स्मार्टफोन ग्लूकोमीटर से अपने ब्लड शुगर लेवल की जांच को भी सुनिश्चित करें, क्योंकि यह कहीं भी, कभी भी सटीक रीडिंग देने में सक्षम है।