मखाना को फॉक्स नट या कमल के बीज के रूप में भी जाना जाता है। यह एयुरेल फॉक्स नामक पौधे से प्राप्त किया जाता है। यह पौधा खासकर पूर्वी एशिया के पानी या तालाबों में उगता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि शुगर के इलाज़ में मखाने का उपयोग करीब 3000 वर्षों से किया जा रहा है और यह हमारे खास व्यंजनों का भी हिस्सा रहा है। इसलिए मखाने को आयूर्वेद में भी उचित स्थान दिया गया है।
यूं तो मखाने का उपयोग धार्मिक समारोहों से लेकर व्रत के व्यंजनों तक में किया जाता है, लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि इसका उपयोग ब्लड शुगर के लेवल को मैनेज करने में भी किया जाता है।
यही कारण है कि डायबिटीज़ से जूझ रहे लोगों के बीच मखाना काफी लोकप्रिय है। हम इस लेख में आपको यही बताने जा रहे हैं कि मखाना डायबिटीज़ से जूझ रहे लोगों की कैसे मदद कर सकता है और किस तरह ब्लडस शुगर लेवल को कंट्रोल रखने में मदद करता है?
आमतौर पर मखाने में कैलोरी, और ग्लाइसेमिक इंडेक्स की मात्रा बहुत कम होती है और यही बात इसे शाम का एक लोकप्रिय स्नैक बनाता है। एक्सपर्ट की माने तो लगभग 50 ग्राम सूखे भुने हुए मखाने में लगभग 180 कैलोरी होता है और कोई भी अनसेचुरेटेड फैट या सोडियम नहीं होता है।
सूखे-भुने हुए का मतलब है कि मखानों को भूनने में कोई तेल का इस्तेमाल नहीं किया गया है। मखाना कार्ब्स और प्रोटीन से भरपूर होता है और इसमें चावल, सफेद ब्रेड, पास्ता आदि खाद्य पदार्थों की तुलना में काफी कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है।
इसके अलावा, कम सोडियम और उच्च मैग्नीशियम से भरपूर यह सामग्री डायबिटीज़ और मोटापे के प्रबंधन में फायदेमंद हो जाता है। अगर इसका इस्तेमाल सही मात्रा और सही तरीके से किया जाए तो यह शुगर के लेवल को कम करने में मदद करता है।
मखाना के बीजों का सेवन कच्चा या भुनकर किया जा सकता है। अगर रात भर इसे पानी में भिगोया जाए, तो इसे सूप, सलाद या अन्य ग्रेवी व्यंजनों में भी जोड़ा जा सकता है। खीर और तमाम तरह के स्नैक्स में भी मखाने के बीजों का उपयोग किया जाता है।
डायबिटीज़ में भी लाभकारी
चूंकि डायबिटीज़ के रोगियों को दिल की बीमारी होती है, ऐसे मामलों में भी मखाना एक बेहतरीन स्नैकिंग विकल्प है। मखाने में मैग्नीशियम की प्रचुर मात्रा में होता है, इसलिए यह शरीर में ऑक्सीजन और रक्त में काफी सुधार करता है।
यह शरीर में अन्य पोषक तत्वों के उचित प्रवाह में भी मदद करता है। अगर आपके पास मैग्नीशियम का स्तर कम है, तो आपका शरीर हृदय रोग के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाता है और इसलिए रोजाना मुट्ठी भर मखाने का नियमित सेवन हृदय रोगों के खतरे को कम कर सकता है।
लेकिन जैसा कि आप सभी जानते हैं हर चीज के ज़्यादा सेवन के कई साइडइफेक्ट हो सकते हैं। इसी तरह मखाने का भी होता है। इसका सेवन बहुत कम मात्रा में करना चाहिए। नहीं तो कब्ज, सूजन और अन्य जठराग्नि संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा केवल मखाने का सेवन ही डायबिटीज़ में पर्याप्त नहीं होता है।
आप नियमित तौर पर अपना खान-पान दुरूस्त रखें, रोज व्यायाम करें और नियमित तौर पर अपने ब्लड शुगर लेवल की निगरानी करें। आप अपने ब्लड शुगर लेवल की निगरानी के लिए बीटओ स्मार्टफोन ग्लूकोमीटर का इस्तेमाल कर सकते हैं। जो कहीं भी, कभी भी सटीक रीडिंग देने में सक्षम है।