ज़ोया अशरफ – BeatO डायबिटीज़ कोच एंड सीनियर नूट्रिशनिस्ट
ब्लड शुगर के स्तर को समझना डायबिटीज़ मैनेजमेंट या उस की रोकथाम की कुंजी है। यह जानना महत्वपूर्ण है कि खून के प्रवाह में मौजूद शुगर के हाई या लो होने पर शरीर कैसी प्रतिक्रिया करता है। हालांकि, इसे कुछ विशेष स्थिति के सामान्य संकेतों और लक्षणों की मदद से पहचाना जा सकता है। इस ब्लॉग में, आप हाई ब्लड शुगर और उस से जुड़े 8 ऐसे सामान्य लक्षण के बारे में जानेंगे जिन पर आपको ज़रूर ध्यान देना चाहिए । तो चलिए शुरू करते हैं ।
हाई ब्लड शुगर क्या है?
हाई ब्लड शुगर, जैसा कि इस शब्द से पता चलता है कि, एक ऐसी स्थिति है जहां खून के प्रवाह में मौजूद शुगर सामान्य सीमा से ज्यादा होती है, इसे हाइपरग्लेसेमिया के रूप में भी जाना जाता है । अगर समय पर इलाज किया जाए तो यह समस्या, अस्थायी यानि कि कुछ समय के लिए ही हो सकती है।
हालांकि लीवर और मांसपेशियां कुछ मात्रा में शुगर का उत्पादन करती हैं लेकिन अधिकांश ग्लूकोज हमारे द्वारा खाए जाने वाले खाने से ही मिलता है। इसके बाद ग्लूकोज को इंसुलिन की मदद से शरीर की सभी रक्त कोशिकाओं तक पहुंचाया जाता है। इंसुलिन पैंक्रियाज यानि अग्न्याशय द्वारा निर्मित एक हार्मोन है।
सामान्य तौर पर, पैंक्रियाज रक्त कोशिकाओं (ब्लड सेल्स) में इंसुलिन जारी करता है। लेकिन कुछ मामलों में, शरीर इंसुलिन (टाइप 1 डायबिटीज़) का उत्पादन करने में असमर्थ होता है या उत्पादित इंसुलिन (टाइप 2 डायबिटीज़) का सही ढंग से उपयोग नहीं कर पाता है। ऐसी स्थिति में, कोशिकाओं को आवश्यक ग्लूकोज नहीं मिल पाता है और वही खून के प्रवाह में मौजूद रहता है, जिससे ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है।

ब्लड शुगर के लेवल को ब्लड ग्लूकोज मॉनिटर की मदद से आसानी से मॉनिटर किया जा सकता है, जिसे अक्सर ग्लूकोमीटर के नाम से भी जाना जाता है। आप को बस इतना करना है कि आप उंगली की नोक से खून की एक छोटी बूंद निकाले और इसे ग्लूकोमीटर की टेस्ट स्ट्रिप पर रख दे, इस के बाद आप कुछ सेकंड में अपनी मौजूदा शुगर रीडिंग जान सकते है ।
हाई ब्लड शुगर के संकेत और लक्षण
हाई ब्लड शुगर लेवल या हाइपरग्लेसेमिया वाले किसी व्यक्ति में निम्नलिखित में से कुछ या यह सभी लक्षण हो सकते है –
1. धुंधला दिखना
डायबिटीज़ एक ऐसी समस्या है जिस की प्रकृति बड़ते रहने की है। इसलिए, हाई ब्लड शुगर के स्तर की समस्याएं न सिर्फ कुछ समय के लिए बल्कि लंबे समय के लिए भी हो सकती हैं। लंबे समय में डायबिटीज़ आपको प्रभावित करने वाले सामान्य तरीकों में से एक है, रक्त वाहिकाओं (ब्लड वेसल ) को नुकसान पहुंचाना।
हाई ब्लड शुगर के स्तर के लंबे समय तक होने पर आंखों की ब्लड वेसल को नुकसान पहुंच सकता है, जिस से धुंधला दिखने की समस्या शुरू हो सकती है। हालाँकि,थोड़े समय के लिए, आँख में तरल पदार्थ अंदर और बाहर चले जाते हैं, जिससे लेंस सूज जाता है। जैसे ही आकार बदलता है, नज़र धुंधली हो जाती है। ब्लड शुगर लेवल गिरने पर इस समस्या का समाधान किया जा सकता है।
2. बार-बार पेशाब आना
इसे “पॉलियूरिया” के नाम से भी जाना जाता है, बार-बार पेशाब आना यह समझने के लिए सबसे आसान संकेतों में से एक है कि आप के शुगर लेवल में कुछ गड़बड़ है। इस स्थिति में, शरीर सामान्य से ज्यादा या असामान्य मात्रा में पेशाब पास करता है। पॉलियूरिया को इस तरह भी समझा जा सकता है कि सामान्य रूप से रोज़ पेशाब पास करने की मात्रा लगभग 2 लीटर तक ही होती है लेकिन पॉलियूरिया में यह मात्रा एक दिन में 3 लीटर से ज्यादा हो जाती है ।
3. भूख का बढ़ना
हाई ब्लड शुगर के स्तर के दौरान भूख बड़ने के लिए मेडिकल टर्म “पॉलीफेगिया” का इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे में मांसपेशियों को जरूरत के हिसाब से ग्लूकोज नहीं मिलने के कारण व्यक्ति को ज्यादा भूख लगने लगती है। यह हाई शुगर लेवल का एक और महत्वपूर्ण संकेत है क्योंकि इस से इंसुलिन प्रतिरोध (इंसुलिन रेजिस्टेंस ) हो सकता है। अगर शरीर मांसपेशियों को ग्लूकोज पहुँचाने के लिए उत्पादित इंसुलिन का उपयोग करने में असमर्थ होता है, तो टिश्यू और मांसपेशियां मस्तिष्क की कोशिकाओं को खाने के लिए ट्रिगर करती हैं।
4. ज्यादा प्यास लगना
अगर खूब पानी पीने के बाद भी आप की प्यास नहीं बुझती हैं या हर समय आप को प्यास लगती हैं, तो यह आपके ब्लड शुगर के स्तर की जांच करने का समय है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि खून के प्रवाह में ग्लूकोज की ज्यादा मात्रा मौजूद होने पर शरीर डीहाईड्रेशन का अनुभव करता है । शरीर खून को पतला करने और उच्च ग्लूकोज के स्तर को कम करने के लिए टिश्यू से तरल पदार्थ खींचता है। इस प्रक्रिया में, टिश्यू डीहाईड्रेटेड हो जाते हैं और ज्यादा पानी के लिए मस्तिष्क को संदेश भेजते हैं। इसका हाई शुगर लेवल के एक और दुसरे संकेत से सीधा संबंध है, जो कि है बार – बार पेशाब आना जिस कारण आप को बार – बार प्यास लगती है ।
ध्यान दें कि जब कोई एक साथ तीनों संकेतों का अनुभव कर रहा है, तो आपके शुगर के लेवल के ज्यादा होने की संभावना बढ़ सकती है। ऐसे कुछ मामले हैं जहां शरीर तरल पदार्थों के असंतुलन का अनुभव करता है जिसका हाई शुगर लेवल से कोई संबंध नहीं है।
5. थकान
क्योंकि आपके शरीर के टिश्यू और मांसपेशियों को ग्लूकोज के रूप में ऊर्जा नहीं मिल रही है, इसलिए थकान हाई ब्लड शुगर लेवल का संभावित लक्षण हो सकता हैं। हाई ब्लड शुगर के कारण इंसुलिन रेजिस्टेंस होने से शरीर थका हुआ महसूस करता है। आप यह ध्यान दें कि थका हुआ महसूस करना और थकान दो अलग-अलग स्थितियां हैं। अगर कोई थका हुआ हो तो आराम करने के बाद बेहतर महसूस करता है लेकिन अगर कोई व्यक्ति थका हुआ महसूस करता है, तो आराम करने से भी उस की थकावट दूर नहीं होती है।
6. मुंह सूखना
इसे चिकित्सकीय रूप से “ज़ेरोस्टोमिया” के रूप में जाना जाता है, मुँह सुखना एक ऐसी स्थिति है जब मुँह में पर्याप्त लार नहीं होती है। बैक्टीरिया के स्तर को नियंत्रित करने और दांतों और मसूड़ों के आसपास के एसिड को धोने के लिए लार बहुत महत्वपूर्ण है।
लार की कमी या मुंह सूखना हाई ब्लड शुगर लेवल का एक और संकेत है जो बाद में खमीर संक्रमण (यीस्ट इन्फेक्शन) भी पैदा कर सकता है। इसके अलावा, बार-बार पेशाब आना जो कि हाई शुगर का एक संकेत है, जिस के कारण भी मुंह में सूखापन की समस्या होने लगती है।
ध्यान दें कि ये ज़रूरी नहीं कि डायबिटीज़ वाले सभी लोग इन संकेतों का अनुभव करे क्योंकि कोई भी व्यक्ति सामान्य स्थिति में भी मुँह में सूखेपन की समस्या महसूस कर सकता है ।
7. एकाग्रता में कठिनाई
अध्ययनों से पता चला है कि हाई ब्लड शुगर लेवल एकाग्रता में कठिनाई पैदा कर सकता है। हालांकि हमारा मस्तिष्क पूरी तरह से ट्यून किया हुआ अंग है, यह खून के प्रवाह में मौजूद शुगर की मात्रा के प्रति भी संवेदनशील होता है । जैसा कि ऊपर उल्लेख किया गया है, उच्च रक्त शर्करा के स्तर के लंबे समय तक संपर्क में रहने से आप की कोशिकाओं को नुकसान हो सकता है। क्योंकि मस्तिष्क को ठीक से काम करने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है और इंसुलिन रेजिस्टेंस ग्लूकोज को मस्तिष्क की कोशिकाओं तक ले जाने में मुश्किल पैदा कर सकता है और शरीर को ध्यान केंद्रित करने में समस्या हो सकती है ।
8. घाव भरने में सामान्य से ज्यादा समय लगना
हाई ब्लड शुगर लेवल की स्थिति में शरीर में हुए किसी भी घाव को ठीक होने में ज्यादा समय लगता है क्योंकि शरीर के लिए डैमेज ब्लड वेसल्स के कारण ठीक होने के लिए आवश्यक पोषक तत्व पहुँचाना मुश्किल हो जाता है। यह आपकी त्वचा पर कट/घाव को महसूस करने की क्षमता पर भी असर डालता है इसलिए समय पर इलाज न होने से त्वचा में संक्रमण होने का खतरा बना रहता है ।
हाई ब्लड शुगर के लिए सेल्फ केयर : आप क्या कर सकते हैं?
- नियमित अंतराल पर अपने शुगर लेवल की जाँच करें। यदि आपके पास हैंडी ग्लूकोमीटर है तो यह आसान हो सकता है।
- अपना खाना, खास तौर पर नाश्ता न छोड़ें।
- शक्कर वाली वस्तुओं से बचें और कैफीन फ्री तरल पदार्थों से दूर रहें।
- व्यायाम आपके शुगर लेवल को कम कर सकता है। हालांकि, अगर आप की रीडिंग 240 mg/dL से ज्यादा का स्तर दिखाती है, तो सलाह दी जाती है कि पहले कीटोन्स की जाँच करें। ऐसे में व्यायाम न करें।
- डायबिटीज़ एक्सपर्ट की मदद लें और एक डायबिटीज़ प्लान बनाये जो आपकी डाइट, जीवन शैली आदि का नक्शा तैयार करें।
- ब्लड शुगर लेवल सामान्य सीमा में नहीं होने की स्थिति में डॉक्टर की मदद से मेडिकेशन शुरू करें ।
लक्षणों को जल्दी समझना और जल्दी उन पर काम करना हाई ब्लड शुगर लेवल और डायबिटीज़ की मुश्किलों को रोकने के तरीकों में से एक है। यह सलाह दी जाती है कि डायबिटीज़ एक्सपर्ट से परामर्श करें और अगर देर होने से पहले आप इन सभी लक्षणों को पहचान कर तुरंत डायबिटीज़ एक्सपर्ट से संपर्क करे तो बेहतर होगा ।