मधुमेह से होने वाली त्वचा संबंधी समस्याएं

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मधुमेह आपकी त्वचा के साथ आपके शरीर के कई हिस्सों को प्रभावित कर सकता है। मधुमेह वाले व्यक्तियों में त्वचा से जुड़ी समस्या होना एक आम बात है। जब मधुमेह त्वचा को प्रभावित करता है, तो यह अक्सर एक संकेत होता है कि आपका ब्लड शुगर लेवल (ग्लूकोज) बहुत ज्यादा है। इसका अर्थ यह हो सकता है कि:

आपको अपनी मधुमेह का पता नहीं है या फिर आप को प्री-डायबिटीज है

• मधुमेह प्रबंधन के लिए आपको एक सही उपचार की ज़रुरत है

सौभाग्य से, अगर मधुमेह की समस्या जल्दी पकड़ में आ जाए तो त्वचा की होने वाली समस्याओं को रोका जा सकता है या आसानी से इनका इलाज किया जा सकता है। इन संक्रमणों में, बैक्टीरियल संक्रमण, फंगल संक्रमण और खुजली शामिल हैं।

मधुमेह से त्वचा संबंधी समस्याएँ होने का क्या कारण होता है ?

हाई शुगर लेवल (उच्च रक्त शर्करा) से त्वचा रुखी (ड्राई) हो जाती है क्योंकि शरीर में तरल पदार्थ की कमी हो जाती है। मधुमेही न्यूरोपैथी या तंत्रिका क्षति(नसों को नुसान) भी त्वचा की समस्याओं का कारण बन सकता है।

मधुमेह से निम्नलिखित त्वचा संबंधित समस्याएं हो सकती।

मधुमेह से बैक्टीरिया संक्रमण होना आम बात है। ऊतक(टिसु) में सूजन आने से आमतौर पर वह गर्म, सूजे, लाल और दर्द भरे हो जाते हैं।

• स्टाईस – पलक की ग्रंथियों का संक्रमण।

• फोड़ा।

• फॉलिकुलिटिस- बालों की कोशिका (स्केल्प) सम्बन्धी संक्रमण।

• कार्बंकल्स- त्वचा और उसके नीचे के टिसु में गहरा संक्रमण।

• नाखूनों के आसपास संक्रमण।

फंगल इन्फेक्शन

यीस्ट(ख़मीर) जैसा फंगल छोटे-छोटे फफोलों और पपड़ियों से घिरे नम, लाल भाग में खुजलीदार चकत्ते पैदा करता है। ये संक्रमण अक्सर त्वचा की गर्म, नम परतों में होते हैं। समस्या वाले क्षेत्र मुख्य रूप से, स्तनों के नीचे, नाखूनों के आसपास, हाथ और पैर की उंगलियों के बीच, मुंह के कोने, चमड़ी के नीचे (खतनारहित पुरुषों में), और बगल और कमर में होते हैं।

खुजली

यह यीस्ट संक्रमण, सूखी त्वचा या खून के सही प्रवाह न होने के कारण हो सकता है। खून का सही प्रवाह न होना, खुजली होने का कारण होता है। सबसे ज्यादा खुजली वाला भाग पैरों का निचला हिस्सा हो सकता हैं।

एलर्जी होना – आपकी दवाओं या इंसुलिन गोलियों से आप को एलर्जी हो सकती है? ऐसे मामलों में तुरंत अपने डॉक्टर से सलाह लें।

अन्य असामान्य त्वचा समस्याओं में शामिल हैं – त्वचा का रंग खराब होना, छाले, चकत्ते, त्वचा का मोटा होना, रिंग-आर्क के आकार के चकत्ते, त्वचा पर मटर जैसे दाने होना, उभरी हुई पीली और मोमी त्वचा(वेक्सी स्किन)। ऐसे मामलों में सही सलाह के लिए अपने त्वचा विशेषज्ञ से परामर्श लें।

मधुमेह से होने वाली त्वचा समस्याओं को कैसे प्रबंधित किया जा सकता हैं?

मधुमेह से होने वाली त्वचा संबंधी समस्याओं से बचने के लिए आप को निम्नलिखित कदम उठाने चाहिए-

• एक कॉम्पैक्ट और उपयोग में आसान मोबाइल आधारित ग्लूकोमीटर की मदद से, नियमित अपने ब्लड शुगर लेवल की जांच करें क्योंकि इससे आप को अपने मधुमेह को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।

• अपने शुगर लेवल को नियंत्रण में रखें।

• त्वचा को साफ और सूखा रखें, मुख्य रूप से स्तन, बगलों और कमर के नीचे की त्वचा को।

• गर्म पानी से नहाने और शॉवर लेने से बचें।

• त्वचा को रुखा होने से बचाएं । ठंड के मौसम में त्वचा को फटने से बचाने के लिए अपनी त्वचा को मॉइस्चराइज़ करें।

• घावों का इलाज सही तरीके से करें। छोटे-मोटे घावों को साबुन और पानी से धोएं। ध्यान दे, एंटीबायोटिक क्रीम या मलहम का इस्तेमाल सिर्फ तभी करें जब आपका डॉक्टर कहे कि ऐसा करना ठीक है।

• हल्के शैंपू का इस्तेमाल करें।

• सूरज के अधिक संपर्क में आने से बचें।

• महिलाओं के हाईजीन स्प्रे का इस्तेमाल न करें।

• त्वचा संबंधी समस्याओं के लिए त्वचा विशेषज्ञ (त्वचा चिकित्सक) से मिलें।

BeatO आप की कैसे मदद कर सकता है?

मधुमेह देखभाल और मधुमेह प्रबंधन एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है जिसे प्रत्येक मधुमेह वाले व्यक्ति को सक्रिय रूप से चुनना चाहिए। BeatO के साथ, आप न सिर्फ कही भी, मोबाइल आधारित ग्लूकोमीटर का इस्तेमाल करके नियमित रूप से अपने ब्लड शुगर लेवल की जांच कर सकते हैं, बल्कि आप अपनी त्वचा की देखभाल करने और उस से संबंधित सुझाव पाने के लिए, अपने व्यक्तिगत मधुमेह शिक्षक से भी जुड़े रह सकते हैं। आपकी त्वचा और शरीर को सभी आवश्यक पोषक तत्व मिले यह सुनिश्चित करने के लिए अपनी एक स्वस्थ खान – पान योजना बनाये रखें।

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