हार्ट अटैक से बचना है तो जरूर करवाएं लिपिड प्रोफाइल टेस्ट: Lipid Profile Test in Hindi

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संसार है तो बीमारी भी है और यही इंसान की सबसे बड़ी तकलीफ है. रोग की वजह से इंसान बेचैन है, परेशान है, अशांत है, दुखी है, पीड़ित है. फिलहाल लोग तरह-तरह के रोगों के शिकार हो रहे हैं. जिसमें से एक हार्ट की समस्या भी है. वोग कहते हैं ना कि अगर दिल चंगा तो पूरा शरीर चंगा रहता है. हार्ट की तंदुरुस्ती का पता लगाने के लिए लिपिड प्रोफाइल टेस्ट किया जाता है. इस टेस्ट के जरिए आपके शरीर में फैट या वसा की कितनी मात्रा खून में है.

क्या है लिपिड प्रोफाइल टेस्ट (Lipid Profile Test in Hindi)

लिपिड प्रोफाइल टेस्ट एक तरह का ब्लड टेस्ट होता है. इस टेस्ट की मदद से ब्लड में मौजूद कई तरह के लिपिड यानी वसा के लेवल को जानने के लिए किया जाता है. इस टेस्ट के जरिए कोलेस्ट्रॉल के लेवल और हार्ट के हेल्थ को प्रभावित करने वाले दूसरे लिपिड के बारे में जानने के लिए किया जाता है.

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क्यों किया जाता है लिपिड प्रोफाइल टेस्ट (Why is Lipid Profile Test in Hindi)

लिपिड प्रोफाइल टेस्ट को शरीर में फैट या वसा की मात्रा को जानने के लिए किया जाता है. कही वसा की मात्रा ज्यादा तो नहीं है. दरअसल वसा शरीर में कई रूपें में होती है. इन सभी रूपों को जानने के लिए इस टेस्ट किया जाता है. इस टेस्ट के जरिए मुख्य रूप से कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स का पता लगाया जाता है. इन दोनों फैट कोशिकाओं की हेल्थ के लिए बहुत जरूरी है, लेकिन इनका खराब रूप से शरीर में बढ़ने से धमनियां ब्लॉक होने लगती है. जिसका सीधी असर आपके दिल पर होता है. इसके साथ ही दिल से संबंधित कई बीमारियां भी होती है या होने का खतरा बढ़ जाता है.

कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स के बारे में बता दें कि इनका शरीर पर हमला बहुत ही चुपके से होता है. लेकिन इनका प्रभाव शरीर पर पड़ने से पहले कुछ ऐसे संकेत दिखाई देते हैं, जिससे अनुमान लगा सकते हैं कि शरीर में कोलेस्ट्रॉल का हमला होने ही वाला है, जिसका पता लगाने के लिए ही लिपिड प्रोफाइल टेस्ट किया जाता है.

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लिपिड प्रोफाइट टेस्ट से इन चीजों का चलता है पता (Reveals These Things Lipid Profile Test in Hindi)

LDL कोलेस्ट्रॉल

बैड कोलेस्ट्रॉल के रूप में LDL कोलेस्ट्रॉल को लिया जाता है. इसका लेवल ज्यादा मात्रा में होने से धमनियों में प्लाक जमा होने लगती है. जिसकी वजह से दिल की बीमारी होने का जोखिम बढ़ जाता है.

HDL कोलेस्ट्रॉल

लिपिड प्रोफाइल टेस्ट से HDL कोलेस्ट्रॉल के लेवल का पता चलता है. इसे गुड कोलेस्ट्रॉल के रूप में जाना जाता है. इनका काम LDL कोलेस्ट्रॉल को कम करना होता है, जिससे दिल बीमारियों के जोखिम से दूर रहता है.

ट्राइग्लिसराइड

ये बल्ड में पाया जाना वाला एक फैट होता है. जिसके ज्यादा होने पर दिल को बीमारियां होने का खतरा भी बढ़ जाता है.

वीएलडीएल लेवल (VLDL)

ये भी एक तरह का कोलेस्ट्रॉल होता है. इसका काम प्लैक का बनाना और ट्राईग्लिसराइड्स को कैरी करना होता है.

नॉन-एचडीएल कोलेस्ट्रॉल

गुड कोलेस्ट्रॉल को छोड़कर बाकी जितने भी कोलेस्ट्रॉल होते हैं, उन्हें नॉन एचडीएल कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है.

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किन लोगों को करवाना चाहिए लिपिड प्रोफाइल टेस्ट

लिपिड प्रोफाइल टेस्ट को उन लोगों के लिए सजेस्ट किया जाता है, जिन लोगों को बीमारियों या लाइफस्टाइल डिसऑर्डर का खतरा ज्यादा होता है. इस टेस्ट को रूटीन बॉडी चेक-अप का हिस्सा होता है. हाइपरटेंशन, डायबिटीज, क्रोनिक किडनी बीमारी, हाइपोथायरायडिज्म और एचआईवी /एड्स (HIV/AIDS) की समस्या वाले लोगों में असमान्य लिपिड हो सकते हैं.

इसके अलावा टेस्ट को अधिक वजन वाले, शराब का सेवन करने वाले, धुम्रपान करने वाले और कुछ दवाएं जो आपके लिपिड प्रोफाइल को प्रभावित कर सकते हैं. उन लोगों को इस टेस्ट की सलाह दी जाती है.

जानें कितना होना चाहिए कोलेस्ट्रोल

नेशनल कोलेस्ट्रॉल एजुकेशन प्रोग्राम (एनसीईपी) थर्ड एडल्ट ट्रीटमेंट पैनल के मुताबिक एक हेल्दी व्यक्तिका कोलेस्ट्रॉल लेवल 200 मिग्री या उससे कम होना चाहिए.

बच्चों में

सामान्य स्तर : 170 मिलीग्राम प्रति डीएल से कम
अधिकतम सीमा : 170 से 199 मिलीग्राम प्रति डीएल
उच्च जोखिम : 200 मिलीग्राम प्रति डीएल या उससे अधिक

वयस्कों में

सामान्य : कोलेस्ट्रॉल के 200 मिलीग्राम प्रति डीएल
अधिकतम सीमा : कोलेस्ट्रॉल के 200-239 मिलीग्राम प्रति डीएल
उच्च जोखिम : कोलेस्ट्रॉल के 240 मिलीग्राम प्रति डीएल

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उम्रदराजों में


सामान्य स्तर : 170 मिलीग्राम प्रति डीएल से कम
अधिकतम सीमा : 170 से 199 मिलीग्राम प्रति डीएल
उच्च जोखिम : 200 मिलीग्राम प्रति डीएल या उससे अधिक

शरीर में कितना होना चाहिए ट्राइग्लिसराइड्स

डॉक्टर्स के मुताबिक एक स्वस्थ्य व्यक्ति के शरीर में ट्राइग्लिसराइड्स का लेवल 150 एमजी/डीएल से कम होना चाहिए. वहीं, अगर यह आपके शरीर में 200 से 499 है तो यह हाई होता है. ट्राइग्लिसराइड्स का लेवल इतना होने पर आपको दिल से जुड़ी बीमारियां हो सकती है. आपको बता दें कि ये हर प्रकार के तेल और ड्राई फ्रूट्स का सेवन करने से मिलता है.

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डिस्क्लेमर: इस लेख में बताई गयी जानकारी सामान्य और सार्वजनिक स्रोतों से ली गई है। यह किसी भी तरह से चिकित्सा सुझाव या सलाह नहीं है। अधिक और विस्तृत जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने डॉक्टर से परामर्श लें। BeatoApp इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है।

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