हर महीने क्यों ज़रूरी है मधुमेह टेस्ट स्ट्रिप्स खरीदना

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यदि आपको मधुमेह है, तो आपको अपने डॉक्टर से नियमित रूप से अपने शुगर लेवल की जाँच करने के लिए कहना चाहिए।आपके एचबीए1सी स्तर की जांच करने के अलावा, घरेलू इस्तेमाल में आने वाले ग्लूकोमीटर से शुगर की जाँच करना जरूरी है। आप एक साधारण ग्लूकोमीटर या नए और आधुनिक तकनीकी रूप से उन्नत मोबाइल-आधारित ग्लूकोमीटर का इस्तेमाल कर सकते हैं। जहाँ शुगर की जाँच के लिए ज़रूरी उपकरणों पर एक बार का निवेश होता है, वहीं मधुमेह टेस्ट स्ट्रिप्स ही एकमात्र ऐसा उपकरण है जिस पर मधुमेह की जाँच को जारी रखने के लिए समय -समय पर खर्च करना पड़ता है।

Beato स्मार्टफोन ग्लूकोमीटर आपके फोन के ऑडियो पोर्ट के माध्यम से जुड़ता है और मधुमेह रोगियों के लिए अन्य उपयोगी सुविधाओं के अलावा, आप की रीडिंग का रिकॉर्ड रखने, मौजूदा स्थिति के बारे में सतर्क करने उस पर विचार करने, रिमाइंडर सेट करने और रीडिंग साझा करने की सुविधा देता है।

घर पर आपके ब्लड शुगर लेवल की जांच के लिए, आपकी मधुमेह किट में निम्नलिखित उपकरण शामिल होने चाहिए:

  • एक ग्लूकोमीटर
  • आपके ग्लूकोमीटर निर्माता द्वारा बताई गई टेस्ट स्ट्रिप्स
  • लेंसिंग डिवाइस
  • लैंसेट

मधुमेह टेस्ट स्ट्रिप्स का इस्तेमाल करने के लिए कुछ सामान्य सुझाव:

  • टेस्ट स्ट्रिप्स का फिर से इस्तेमाल कभी न करें।
  • स्ट्रिप्स को सीधी धूप या नमी में न रखें।
  • स्ट्रिप्स को मोड़ें नहीं।
  • यह सुनिश्चित करने के लिए कि आप के हाथ साफ़ न होने से ब्लड शुगर की जाँच प्रभावित न हो, स्ट्रिप्स का इस्तेमाल करने से पहले हमेशा हाथ धोएं।
  • इस्तेमाल की गई टेस्ट स्ट्रिप्स को हमेशा एक सील पैक कर के सावधानीपूर्वक निपटान(डिस्पोज) करें।

शुगर जांच की समय अवधि और हर माह ज़रूरी स्ट्रिप्स की संख्या

आपको हमेशा पहले अपने डॉक्टर या चिकित्सक से पूछना चाहिए कि आपको कितनी बार परीक्षण करना चाहिए। यहां पर कुछ सामान्य दिशानिर्देश और हर माह आपको ज़रूरी स्ट्रिप्स की औसत संख्या दी गई है।

  1. गर्भकालीन मधुमेह, जो गर्भावस्था के दौरान होता है, उस दौरान बच्चे और माँ के स्वास्थ्य और सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए बहुत सतर्क रहने की ज़रुरत होती है। आपको दिन में 3-4 बार अपने ब्लड की जांच करने के लिए कहा जा सकता है।
  2. इंसुलिन पर निर्भर या टाइप 1 मधुमेह में भी दिन में 3-4 बार शुगर लेवल की जांच करने की ज़रुरत  होती है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आप को कितनी इंसुलिन की ज़रुरत है।
  3. जिन को मधुमेह की समस्या का कुछ समय पहले ही पता चला है उन लोगों को आमतौर पर लंबे समय के मधुमेह रोगियों की तुलना में ज़्यादा बार जांच करने की सलाह दी जाती है, ताकि यह समझा जा  सकें कि उनका शुगर लेवल उनके स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करता है और ख़ान-पान और व्यायाम उनके शुगर लेवल को कैसे प्रभावित करते हैं। यहां आपको सप्ताह में कम से कम 2-3 बार जांच करने की सलाह दी जाती है।
  4. दवा या औषधि से होने वाले मधुमेह को द्वितीयक मधुमेह कहा जाता है जो कुछ दवाएँ लेने के कारण या शायद अन्य स्वास्थ्य स्थितियों के कारण हो सकता है। ऐसे मामलों में, व्यक्ति को ज्यादा देखभाल करने और दिन में 3-4 बार शुगर लेवल की जाँच करने की ज़रुरत होती है। यहां, दवा बंद करने पर मधुमेह दूर हो सकता है या रोगी की अन्य स्वास्थ्य स्थिति के आधार पर स्थायी हो सकता है।
  5. लंबे समय से चले आ रहे टाइप 2 मधुमेह रोगियों को आमतौर पर सप्ताह में 2-3 बार से ज़्यादा शुगर लेवल की जांच करने की ज़रुरत नहीं होती है। अगर आप का मधुमेह अनियंत्रित है या आप यात्रा कर रहे हैं या आप को कोई बीमारी है तो शुगर जाँच का समय अवधि अलग हो सकती है।

आपके द्वारा हर महीने इस्तेमाल की जाने वाली शुगर टेस्ट स्ट्रिप्स की संख्या के आधार पर आपकी लागत की गणना की जा सकती है।

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Jyoti Arya

एक पेशेवर आर्टिकल राइटर के रूप में, ज्योति एक जिज्ञासु और स्व-प्रेरित कहानीकार हैं। इनका अनुभव चर्चा-योग्य फीचर लेख, ब्लॉग, समीक्षा आर्टिकल , ऑडियो पुस्तकें और हेल्थ आर्टिकल लिखने में काफ़ी पहले से है ।ज्योति अक्सर अपने विचारों को काग़ज़ पे लाने और सम्मोहक लेख तैयार करने में व्यस्त रहती हैं, और पढ़को को मंत्रमुग्ध करें देती हैं।