अंडे को पौटेशियम का अच्छा स्रोत माना जाता है, जो मांसपेशियों और तंत्रिका के हेल्थ के लिए काफी लाभदायक होता है। पौटेशियम शरीर में सोडियम के लेवल को संतुलित करने में सहायता करता है और कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ को सपोर्ट देता है।
एक्सपर्ट के मुताबिक अंडे में कई पोषक तत्व पाए जाते हैं, जैसे कोलाइन और ल्यूटिन। जहां कोलाइन कई बीमारियों को ठीक करने के लिए जाना जाता है तो वहीं ल्यूटिन मस्तिष्क के स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद करता है।
अंडे के यौगिकों में बायोटिन होता है, जो इंसुलिन उत्पादन के साथ स्वस्थ त्वचा, बाल और नाखूनों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। वास्तव में अंडा ओमेगा -3 से भरपूर होता है जो डायबिटीज़ से जूझ रहे लोगों में फैट का बेहतर विकल्प बनता है।
कुछ लोग अंडे को नाश्ते का भी सबसे बेहतर विकल्प मानते हैं। अगर आप वजन कम करना चाहते हैं, तो आप निश्चित रूप से अंडे का सेवन कर सकते हैं, क्योंकि ये कार्बोज में कम और उच्च गुणवत्ता वाले प्रोटीन के असाधारण स्रोत हैं।
इसके पहले यह माना जाता था कि डायबिटीज़ में मुर्गी के अंडे लाभदायक नहीं है, क्योंकि उसमें कोलेस्ट्रॉल ज्यादा होता है। यह हृदय रोगों में खतरनाक होता है, लेकिन अब यह सोच बदल चुकी है। अब एक्सपर्ट भी डायबिटीक लोगों को अंडे को अपने खान-पान में जोड़ने की सलाह देते हैं।
अंडा खाने से कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों का खतरा कम हो सकता है और शरीर के वजन को नियंत्रण में रखा जा सकता है। वजन का सीधा संबंध डायबिटीज़ से है।
जर्नल हार्ट में प्रकाशित एक शोध के अनुसार, अंडे को आहार कोलेस्ट्रॉल का एक स्पष्ट स्रोत माना जाता है। आहार कोलेस्ट्रॉल की भूमिका (जिसे हम भोजन से प्राप्त करते हैं) व्यक्तियों के कुल रक्त कोलेस्ट्रॉल का प्रमुख कारण होता है।
स्वस्थ वजन हाई ब्लड शुगर से परेशान व्यक्तियों के लिए फायदेमंद है क्योंकि यह इंसुलिन प्रतिरोध को कम करता है। अगर आप डायबिटीक हैं, तो आपको सप्ताह में 3 बार अंडे का सेवन जरूर करना चाहिए। अगर आप केवल अंडे के सफेद भाग को खाते हैं, तो आप खाने में सहज महसूस कर सकते हैं।
बरतें यह सावधानी
हालांकि, आप जो भी उपभोग करते हैं उसके बारे में सावधान रहें। तुलनात्मक रूप से अंडा हानिकारक स्तर तक भी पहुंच सकता है। खासकर तब जब तेल या मक्खन में तले हुए हों। अगर आप डायबिटीज़ से जूझ रहे हैं तो आपके लिए केवल अंडे का सेवन पर्याप्त नहीं है।
आप नियमित रूप से व्यायाम करें। अपने खान-पान को स्वस्थ्य रखें और डॉक्टर की निय़मित सलाह लेते रहें। आपको इस दौरान अपने ब्लड शुगर लेवल को भी मेंटेन रखने की जरूरत होती है। इसके लिए बीटओ स्मार्टफोन ग्लूकोमीटर का इस्तेमाल किया जा सकता है।