Home»Blog»BeatO अनबिटेबल टेस्टीमोनियल्स » “BeatO केयर प्रोग्राम की डाइट से शुगर रीडिंग 280 mg/dL से घटकर 140 mg/dL हो गई”

“BeatO केयर प्रोग्राम की डाइट से शुगर रीडिंग 280 mg/dL से घटकर 140 mg/dL हो गई”

732 0
brijesh kumar - unbeatabales
0
(0)

गाजियाबाद के 34 वर्षीय निवासी ब्रिजेश कुमार को साल 2015 में टाइप 2 डायबिटीज का पता चला था। मधुमेह के बारे में जान कर इस अनुभवी आईटी पेशेवर को बेहद निराशा हुई और उन्होंने इस पुरानी समस्या (क्रोनिक कंडीशन) के एक सफल प्रबंधन की उम्मीद भी खो दी।

Free Doctor Consultation Blog Banner_1200_350_Hindi

ब्रिजेश कुमार ने अपने संघर्ष के शुरुआती दिनों को याद करते हुए कहा, मैं सामान्य से ज्यादा थकान महसूस करने लगा था। इसके तुरंत बाद, मुझे जोड़ों के गंभीर दर्द और लगातार तेज़ बुखार के कारण चलने-फिरने में मुश्किल होने लगी। इन लक्षणों से निपटना इतना चुनौतीपूर्ण नहीं था, बार-बार होने वाला सिरदर्द मेरी शिकायतों की सूची में शामिल हो गया।

जैसे ही उन्हें अपने शरीर में कुछ बदलाव महसूस होने लगे, तो उन की दुनिया जैसे उथल -पुथल सी गई। इस से उनकी जिंदगी में काफी मुश्किलें आने लगी। इस तरह के लक्षणों से निपटने के बीच, कहीं न कहीं उन्हें ब्लड शुगर टेस्ट कराने का ख्याल आया। जब उनकी लैब रिपोर्ट आई, तो उनका शुगर लेवल 444 mg/dL निकला, जिससे वह और उन का परिवार काफी हैरान था।

मेरे मधुमेह के पता चलने की खबर मेरे परिवार के सदस्यों के लिए किसी सदमे से कम नहीं थी। उन सभी को लगा कि मेरी उम्र इस पुरानी समस्या (क्रोनिक कंडीशन) का सामना करने के लिए बहुत कम थी। तभी मैंने डायबिटीज का तुरंत इलाज शुरू करने का फैसला किया। काफी समय तक इलाज चलने के बावजूद, मेरा ब्लड शुगर लेवल 200 mg/dL से ऊपर बना हुआ था। मुझे उन कारणों पर संदेह होने लगा कि मेरे ब्लड शुगर लेवल में बदलाव क्यों नहीं दिख रहा है। उस समय, मैंने मन ही मन सोचा कि ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि मेरे पास अपनी मौजूदा स्थिति से निपटने के लिए सही जानकारी और सही ज्ञान का अभाव है।

उन्होंने इंटरनेट पर डायबिटीज से संबंधित जानकारी खोजनी शुरू की। अपनी जागरूकता यात्रा के हिस्से के रूप में, एक दिन उनकी नज़र Beato के फेसबुक विज्ञापन पर पड़ी। Beato की वेबसाइट को अच्छी तरह से देखने के बाद उन्होंने ग्लूकोमीटर खरीदा। वह कई प्लेटफार्मों पर Beato के सम्बन्ध में मिली समीक्षाओं से काफी प्रभावित हुए, जिन्होंने उन्हें Beato ग्लूकोमीटर को खरीदने के लिए प्रेरित किया।

रीडिंग पाने के लिए Beato ग्लूकोमीटर को Beato ऐप के साथ जोड़ा जाता है, तो इस बारे में ब्रिजेश कुमार का कहना है कि इस मोबाइल एप्लिकेशन में देखने के लिए बहुत कुछ है।

मोबाइल एप्लिकेशन की सराहना करते हुए वे कहते हैं, यह पूरा एप्लिकेशन इस्तेमाल में बहुत आसान है। मैं अपने सुधार को ट्रैक कर सकता हूं, मौजूदा रीडिंग्स की निगरानी कर सकता हूं और सही निर्णय लेने के लिए ग्राफ़ के माध्यम से अपनी शुगर रीडिंग के बारे में जानकारी प्राप्त कर के उस की समीक्षा भी कर सकता हूं। यह ऐप आपको दोस्त और परिवार को आपातकालीन अलर्ट भेजने की सुविधा भी देता है जो मुझे नहीं लगता कि किसी और एप्लिकेशन में होता हैं।

हमारे साथ अपनी बातचीत में वह कहते हैं,एक फीडबैक कॉल के दौरान, मैं Beato की कस्टमर केयर टीम के संपर्क में आया, जिसमें उन्होंने मुझे Beato के मधुमेह देखभाल कार्यक्रम और इसकी प्रमुख विशेषताओं के बारे में बताया। सभी व्यक्तिगत योजनाओं और प्रभावी लागत को देखते हुए, मैंने मई 2022 में खुद को नामांकित करने का फैसला किया। अब, मैं मधुमेह को बेहतर ढंग से प्रबंधित करने में मदद के लिए, अपने ब्लड शुगर लेवल में मामूली उतार-चढ़ाव होने पर भी Beato ऐप के माध्यम से नियमित डॉक्टर से परामर्श बुक करता हूं। इससे ज्यादा अच्छा और क्या हो सकता है कि मैं अपने डॉक्टर द्वारा बताई गई सभी दवाएं घर बैठ मंगवा सकता हूं।

Beato की अन्य विशेषताओं में से एक जिस पर वह जोर देना पसंद करते है, जो कि है उन के हेल्थ कोच। शुरुवात में, उन्हें लगा कि उन के हेल्थ कोच के सुझाए गए बदलावों को अपनाना इतना आसान नहीं होगा लेकिन वही बदलाव समय के साथ उनकी दिनचर्या का हिस्सा बन गए। उन्होंने लगन से सभी सलाह का पालन किया और हमेशा अनुशासित रहें।

केयर कार्यक्रम में अपने शुरुआती दिनों को याद करते हुए, वह लगातार दिए गए साथ और मार्गदर्शन के लिए अपने हेल्थ कोच को श्रेय देते हैं। वह कहते हैं,मेरे स्वास्थ्य प्रशिक्षक नियमित फॉलो-अप लेने में बहुत सक्रिय हैं। जब भी मेरे शुगर लेवल में थोड़ा सा भी उतार-चढ़ाव होता है तो वे मेरी मदद के लिए हमेशा मौजूद रहते हैं। मेरे उन तक पहुंचने के बजाय वो पहले ही मुझ से संपर्क कर लेते है । मेरे स्वास्थ्य कोच मनशील का खास ज़िक्र मैं करना चाहूँगा, जिनकी सलाह और प्रेरणा ने मुझे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।”

उन्होंने Beato के मधुमेह देखभाल कार्यक्रम में बेहतरीन सुधार किए। उनका फास्टिंग शुगर लेवल 200 mg/dL से घटकर 100 mg/dL हो गया और भोजन के बाद शुगर लेवल 280 mg/dL से घटकर 140 mg/dL हो गया। उनकी दवा की दैनिक खुराक कम हो गई है और वह अपने रोज़ के काम को और बेहतर ढंग से करने में सक्षम हैं।

देखभाल कार्यक्रम में शामिल होने के बाद, मेरे मधुमेह के लक्षण गायब हो गए हैं। मेरे पैरों में झुनझुनी महसूस होना बंद हो गई है, मुझे अब थकान महसूस नहीं होती है और मेरा बार-बार होने वाला सिरदर्द भी दूर हो गया है।

How useful was this post?

Click on a star to rate it!

Average rating 0 / 5. Vote count: 0

No votes so far! Be the first to rate this post.

We are sorry that this post was not useful for you!

Let us improve this post!

Tell us how we can improve this post?

Jyoti Arya

Jyoti Arya

एक पेशेवर आर्टिकल राइटर के रूप में, ज्योति एक जिज्ञासु और स्व-प्रेरित कहानीकार हैं। इनका अनुभव चर्चा-योग्य फीचर लेख, ब्लॉग, समीक्षा आर्टिकल , ऑडियो पुस्तकें और हेल्थ आर्टिकल लिखने में काफ़ी पहले से है ।ज्योति अक्सर अपने विचारों को काग़ज़ पे लाने और सम्मोहक लेख तैयार करने में व्यस्त रहती हैं, और पढ़को को मंत्रमुग्ध करें देती हैं।

Leave a Reply