Home  »  Blog  »  डायबिटीज बेसिक्स   »   क्या होता है RBS टेस्ट (RBS Test in Hindi), जानें उम्र के हिसाब से कितना होना चाहिए ब्लड शुगर लेवल

क्या होता है RBS टेस्ट (RBS Test in Hindi), जानें उम्र के हिसाब से कितना होना चाहिए ब्लड शुगर लेवल

1435 0
RBS Test in Hindi
1
(1)

ग्लूकोज का टेस्ट हर किसी के मेटाबॉलिक हेल्थ को जानने के लिए एक जरूरी टेस्ट में से एक है। ग्लूकोज लेवल जानने के लिए ही आरबीएस टेस्ट (RBS Test in Hindi) किया जाता है। इस टेस्ट के जरिए व्यक्ति के ब्लड शुगर लेवल में होने वाले तुरंत बदलाव को जानने के लिए किया जाता है ताकि डायबिटीज जैसी बीमारी का समय रहते इलाज शुरू किया जा सकें। RBS टेस्ट को खाना खाने से पहले या उसके तुरंत बाद किया जाता है। इस टेस्ट को दूसरे डायबिटीज टेस्ट के साथ भी किया जाता है, जैसे- ग्लुकोज टोलरेंस टेस्ट (OGTT) और ग्लाइकेटेड हेमोग्लोबिन (HbA1c) टेस्ट। हम यहां पर आपको बता रहे हैं कि RBS टेस्ट क्या होता है और यह किस तरह से डायबिटीज के इलाज में मदद करता है?

Free Doctor Consultation Blog Banner_1200_350_Hindi (1)

क्या है RBS टेस्ट

RBS (Random Blood Sugar) टेस्ट को किसी व्यक्ति के ब्लड शुगर लेवल को जानने के लिए किया जाता है। जो डायबिटीज के इलाज और उसे कंट्रोल करने में मदद करता है। यह टेस्ट ब्लड में हाई ग्लूकोज लेवल को जानने के लिए किया जाता है और यह डायबिटीज के लक्षणों को पहचानने में भी मदद करता है। इसके अलावा, इस टेस्ट को डायबिटीज का इलाज सही से चल रहा है या नहीं, यह जानने के लिए भी किया जाता है।

डॉक्टर इस टेस्ट का इस्तेमाल करके ब्लड में ग्लूकोज के लेवल की जांच करते हैं। इस टेस्ट की मदद से आप डायबिटीज के संकेतों को जानने में मदद मिलती है, जैसे- अत्यधिक प्यास, अत्यधिक भूख, उपयोग्यता की कमी, त्वचा की सुखापन और अन्य संबंधित लक्षणों के बारे में पता चलता है।

ये भी पढ़ें- कहीं खराब तो नहीं हो रही आपकी किडनी, किडनी फंक्शन टेस्ट से सबकुछ चल जाएगा पता

इन कारणों से किया जाता है RBS टेस्ट

डायबिटीज का पता चलना

हाई रैंडम ग्लूकोज लेवल डायबिटीज होने का संकेत दे सकता है। इसे आप इस तरह से समझ सकते हैं कि टेस्ट में आपका हाई ग्लूकोज लेवल आता है। साथ ही आपको अत्यधिक प्यास, बार-बार पेशाब आना और वजन घटने जैसी समस्या का सामना करना पड़ रहा है, जो डायबिटीज के लक्षण है। इस स्थिति में इस टेस्ट को करवाया जाता है।

शुगर मैनेजमेंट की निगरानी

जिन लोगों को पहले से डायबिटीज है, उन्हें RBS टेस्ट के जरिए यह जानने में मदद मिलती है कि पूरे दिन ब्लड शुगर लेवल को कितने अच्छे से उन्होंने मैनेज किया है। यह आपको दवा, डाइट और लाइफस्टाइल में जरूरी बदलाव करने में मदद करता है।

ये भी पढ़ें-क्या है एमसीवी टेस्ट (MCV Test), कब किया जाता है, यहां जानें सबकुछ

ब्लड शुगर लेवल का स्नैपशॉट

यह टेस्ट किसी का भी वर्तमान ब्लड शुगर लेवल का एक स्नैपशॉट बताता है, भले ही उनसे हाल ही में कुछ भी खाया हो। यह टेस्ट लोगों के इमरजेंसी सिचुएशन, अस्पताल में रहने के दौरान, या किसी व्यक्ति के पूरे हेल्थ को जानने के लिए काफी जरूरी हो सकता है।

जेस्टेशनल डायबिटीज की जांच

इस टेस्ट का इस्तेमाल जेस्टेशनल डायबिटीज के टेस्ट के लिए प्रेगनेंसी के दौरान भी किया जाता है। दरअसल प्रेगनेंसी के दौरान हाई ब्लड शुगर लेवल माँ और बच्चे के लिए खतरा पैदा कर सतता है।

ये भी पढ़ें-एलडीएच टेस्ट (LDH test in covid in Hindi) क्या है और क्यों किया जाता है?

कितनी बार करवाना चाहिए RBS टेस्ट

  • अगर किसी व्यक्ति को टाइप-2 डायबिटीज है तो उसे हर हफ्ते या अपने डॉक्टर की सलाह के मुताबिक एक बार इस टेस्ट को करवाना चाहिए।
  • जिन लोगों को टाइप-1 डायबिटीज है, उन्हें रोजाना इस टेस्ट को कराने की सलाह दी जाती है। इसे आप घर बैठे BeatO के ग्लूकोमीटर से अपना ब्लड शुगर लेवल चेक कर सकते हैं।
  • यह टेस्ट उन लोगों के लिए भी जरूरी है, जो प्रीडायबिटीज है। उन्हें हर छह महीने पर इस टेस्ट को करवाते रहना चाहिए।
  • उन लोगों को भी इस टेस्ट को करवाना चाहिए जो डायबिटीज को अच्छी तरह से मैनेज नहीं कर पाते हैं। इन लोगों को हर हफ्ते घर की टेस्ट मशीन से टेस्ट करने के साथ ही लैब टेस्ट करवाना चाहिए।
  • यह उन लोगों को करवाते रहना चाहिए जो लोग डायबेटोलॉजिस्ट या एंडोक्रिनोलॉजिस्ट के इलाज में परिवर्तन करना चाहते हैं। नई दवा को शुरू करने के एक महीने बाद जरूर इस टेस्ट को करवाना चाहिए।

ये भी पढ़ें-लाइपेस टेस्ट (Lipase test in Hindi) क्या है और क्यों किया जाता हैं?

कैसे होता है RBS टेस्ट

इस टेस्ट की प्रक्रिया सरल होती है, जो आपके ब्लड में ग्लूकोज लेवल को जानने के लिए किया जाता है। इस टेस्ट को आमतौर पर बिना किसी पूर्व सूचना के किया जाता है, इसलिए इसे रैंडम टेस्ट कहा जाता है। इस टेस्ट को तीन चरणों में किया जाता है।

ब्लड सैंपल लेना

इस टेस्ट को करने के लिए सबसे पहले आपका ब्लड सैंपल लिया जाता है। इस टेस्ट में आमतौर पर ब्लड को आपके हाथ की उंगली से लिया जाता है।

टेस्ट करना

ब्लड सैंपल लेने के बाद उसे लैब ले जाया जाता है। जहां पर लैब तकनीशियन के जरिए रोगी के ब्लड का ग्लूकोज लेवल मापा जाता है।

ये भी पढ़ें-आपकी सेहत के लिए हरा खजाना: जानें पालक खाने के फायदे

टेस्ट का रिजल्ट

टेस्ट के रिजल्ट कैसा रहा इसके बारे में आपके डॉक्टर बताते हैं। अगर बल्ड में हाई ग्लूकोज पाया जाता है, जो आपको डायबिटीज हो सकती है। जिसके मुताबिक आपको डॉक्टर इलाज और परहेज के करने की सलाह देते हैं।

RBS टेस्ट का रिजल्ट

इस टेस्ट का रिजल्ट उम्र, हेल्थ कंडीशन और लैब के स्पेसिफिक वैल्यूज जैसे फैक्टर्स के आधार पर अलग-अलग हो सकती है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, 140 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर (मिलीग्राम/डीएल) या इससे कम के ग्लूकोज लेवल को नॉर्मल रेंज के अंदर माना जाता है। जो बताता है कि शरीर का ब्लड शुगर कंट्रोल में है और डायबिटीज को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है।

वहीं, अगर ग्लूकोज लेवल 140 मिलीग्राम/डीएल से ऊपर है तो वह हाई-ब्लड शुगर (हाइपरग्लेसेमिया) का संकेत देता है। जो बताता है कि आपको डायबिटीज, खराब ग्लूकोज लेवल या दूसरी मैटाबॉलिक समस्याएं है। इसके बाद सटीक जानकारी का पता लगाने के लिए डॉक्टर आपको ब्लड शुगर फास्टिंग टेस्ट या ओरल ग्लूकोज टॉलरेंस टेस्ट करवाने की सलाह देते हैं।

ये भी पढ़ें-पीरियड्स के दर्द से राहत से लेकर वजन कम करता है अजवाइन, जानें इसके कई फायदे

क्या आपको भी एक अच्छे और भरोसेमंद डायबिटीज डॉक्टर की तलाश है, तो 25+ वर्षों के अनुभव के साथ नेशनल डायबेटोलॉजिस्ट पुरस्कार विजेता डॉ. नवनीत अग्रवाल को चुनें। जो घर बैठे डायबिटीज नियंत्रण करने के लिए सही मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।

डिस्क्लेमर: इस लेख में बताई गयी जानकारी सामान्य और सार्वजनिक स्रोतों से ली गई है। यह किसी भी तरह से चिकित्सा सुझाव या सलाह नहीं है। अधिक और विस्तृत जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने डॉक्टर से परामर्श लें। BeatoApp इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है।

How useful was this post?

Click on a star to rate it!

Average rating 1 / 5. Vote count: 1

No votes so far! Be the first to rate this post.

We are sorry that this post was not useful for you!

Let us improve this post!

Tell us how we can improve this post?

BeatO स्टाफ राइटर

BeatO स्टाफ राइटर

BeatO इन-हाउस राइटिंग टीम द्वारा प्रकाशित रचनात्मक रूप से लिखे गये सेहत संबंधी लेख।

Leave a Reply

Index