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Buttermilk in Hindi: क्या आप डायबिटीज में छाछ का सेवन कर सकते हैं?

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Buttermilk in Hindi: गर्मियों का मौसम आ चला है और लोग गर्मी से राहत पाने के लिए तमाम तरह के उपाय अपना रहे हैं। आज हम आपको एक ऐसी ही चीज के बारे में बताने जा रहे हैं जिससे सेवन से आपको गर्मी से राहत मिलेगी। हम बात कर रहे हैं छाछ या मट्ठा की। छाछ या मट्ठा हमारे स्वास्थ्य के लिहाज से बहुत जरूरी है, क्योंकि इसमें कई पोषक तत्व शामिल होते हैं। छाछ पीने से हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है।

छाछ एक पेय पदार्थ होता है, जो दही से बनता है। आमतौर पर दही को मथनी से मथकर घी निकालने पर बचे हुए पदार्थ को छाछ कहते हैं। छाछ की मांग गर्मी के समय अधिक हो जाती है। इससे पेट और शरीर को ठंड मिलती है। छाछ प्रोटिन, विटामिन और कई खनिजों से भरपूर होती है। इसमें कैलोरी और वसा कम होती है। छाछ में जीरा, पुदीना, धनिया, काला नमक, अदरक, काली मिर्च, हरी मिर्च, चाट मसाला डालकर इसका स्वाद बढ़ाया जा सकता है।

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वहीं, कई लोगों को छाछ को लेकर एक सवाल रहता है कि क्या डायबिटीज मरीज छाछ या मट्ठा पी सकते हैं? आइए इस सवाल का जवाब हम अपने इस लेख के जरिए देते हैं। छाछ में कैल्शियम, आयरन, विटामिन सी,  कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, शुगर और प्रोटीन जैसे पोषण तत्व मौजूद होते हैं, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता या इम्यूनिटी सिस्टम को बढ़ाने में मदद करते हैं। इसके अलावा छाछ हमारे आंत के स्वास्थ्य के लिए भी अच्छी मानी जाती है। छाछ में लो-फैट होता है, जो कम करने में मदद करता है।

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आपकी जानकारी के लिए बता दें कि छाछ में प्रोबायोटिक्स में मौजूद होते हैं जो हमारे स्वास्थ्य और पाचन को बढ़ावा देने का काम करते हैं। यह कैल्शियम का भी एक अच्छा स्त्रोत माना जाता है। छाछ में प्रति 100 ग्राम में केवल 40 कैलोरी होती है। वहीं, इसमें 3.3 ग्राम प्रोटीन और 0.4 माइक्रोग्राम विटामिन बी 12 होता है। छाछ में कैंसर रोधी गुण, रूसी की रोकथाम, आंत के स्वास्थ्य में सुधार, शरीर को डीटॉक्स करना, मुहांसे के निशान को ठीक करना, ह्रदय स्वास्थ्य और ब्लड सर्कुलेशन में सुधार लाने वाले गुण शामिल होते हैं। छाछ एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होता है।

छाछ और डायबिटीज का कनेक्शन

बता दें कि छाछ का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 35 होता है जो कि डायबिटीज मरीजों के लिए सुरक्षित पेय माना जाता है। ग्लाइसेमिक इंडेक्स से तय हो पाता है कि कोई भोजन डायबिटीज पीड़ित लोगों के लिए स्वस्थ्य है या नहीं। इसे पता चलता है कि किसी खाने में मौजूद कार्ब कितना शुगर लेवल बढ़ाने का काम करता है।

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टाइप 2 रोगियों सहित सभी के लिए इस छाछ का सेवन करना लाभदायक माना जाता है। छाछ का ग्लाइसेमिक इंडेक्स इसे ब्लड शुगर के लिए सुरक्षित बनाता है। छाछ उनके लिए भी लाभदायक होता है जो अपना वजन कम करने की चाहत रखते हैं। इसके सेवन की मात्रा पर ध्यान देना चाहिए। इसका अधिक सेवन आपके स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक, छाछ का सेवन 150 मिलीलीटर से अधिक नहीं करना चाहिए। छाछ का अधिक लाभ लेने के लिए आप भोजन से पहले या बाद में इसका सेवन कर सकते हैं।

डायबिटीज में छाछ के फायदे

प्रोबायोटिक्स ब्लड शुगर करता है कंट्रोल

छाछ में प्रोबायोटिक्स अधिक मात्रा में मौजूद होते हैं, जो लाभकारी बैक्टरीरिया हैं और यह शरीर को विभिन्न तरीकों से मदद करते हैं। बता दें कि प्रोबायोटिक्स हमारे शरीर में पाचन के लिए विशेष रूप से फायदेमंद होते हैं। प्रोबायोटिक्स पाचन तंत्र से भोजन के गुजरने को आसान बना देता है। यह ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करता है इसलिए यह डायबिटीज मरीजों के लिए फायदेमंद होता है।

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ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है कम

आपको बता दें कि छाछ का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 35 से कम होता है, जिसे डायबिटीज मरीजों के लिए लाभदायक माना जाता है। छाछ में फैट और कैलोरी कम होती है। ऐसे में इसमें मध्यम मात्रा में प्रोटीमन होता है जो कि टाइप 1, 2 डायबिटीज मरीजों के लिए अच्छा विकल्प माना जाता है। इसके अलावा छाछ का लो जीआई ब्लड शुगर लेवल को कम रखने में मदद करता है। ऐसे में डायबिटीज मरीज बिना किसी चिंता के इसका सेवन कर सकते हैं।

वजन घटाने में करता है मदद

छाछ डायबिटीज मरीजों के लिए स्वास्थ्य के लिहाज से वरदान साबित होता है। इसमें ऐसे तत्व होते हैं जो आपके वजन को घटाने में काफी मददगार होते हैं। टाइप 2 डायबिटीज मरीजों में फैट की समस्या आम होती है, जिससे उनका वजन बढ़ जाता है। ऐसे में छाछ वजन कम करने में काफी मददगार साबित हो सकता है, जो कैलोरी और फैट दोनों को कम करता है।

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कोलेस्ट्रॉल को करता है कंट्रोल

डायबिटीज मरीजों को दिल के स्वास्थ्य को ठीक बनाए रखने के लिए उन्हें पोषक आहार पर जोर देना चाहिए। इससे उनमें उच्च कोलेस्ट्रॉल या ट्राइग्लिसराइड्स वाले खाद्य पदार्थों से बचने की सलाह दी जाती है।

दरअसल, ये हर्ट सेल्स को बंद कर सकते हैं, जिससे स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है। ऐसे में इस समस्या से बचने के लिए डायबिटीज मरीजों को हाई पोटेशियम वाली चीजों का सेवन करना चाहिए, ताकि स्ट्रोक संबंधी खतरों से बचा जा सके। छाछ में पोटेशियम की मात्रा अच्छी होती है जो कोलेस्ट्रोल के स्तर को कम करने के साथ ही ब्लड प्रेशर को भी नियंत्रित करता है।

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डायबिटीज मरीजों को रखता है हाइड्रेटड

डायबिटीज मरीजों में बार-बार पेशाब की समस्या आम होती है। पेशाब के जरिए हमारे शरीर से ग्लूकोज और विषाक्त पदार्श बाहर निकलते हैं और ऐसे में यह डीहाइड्रेशन की स्थिति पैदा कर सकता है। डीहाइड्रेशन की स्थिति से बचने के लिए जरूरी है कि डायबिटीज मरीज छाछ का सेवन करें। दरअसल, छाछ में मौजूद मैग्ननीशियम, कैल्शियम और सोडियम जैसे जरूरी पोषक तत्व शामिल होते हैं जो हाइड्रेटेड रख सकता है।

डायबिटीज मरीजों के अलावा छाछ इन समस्याओं को भी करता है दूर

एसिडिटी करता है दूर

छाछ में अच्छे बैक्टीरिया मौजूद होते हैं, जिसे इसे एंटी-एसिडिक गुणों के तौर पर प्रयोग किया जाता है। इसका इस्तेमाल पुरानी गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स बीमारी के इलाज के लिए किया जाता है। रोजाना इसके सेवन से उन लोगों को राहत मिलती है जो एसिड रिफ्लक्स से पीड़ित होते हैं। रोजाना छाछ पीने से आपके अंदर पाचन संबंधी दिक्कतें ठीक होती हैं और एसिडिटी भी कम होती है।

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हड्डियों को करता है मजूबत

छाछ में मौजूद कैल्शियम एक अच्छा पेय होता है जो हड्डियों की संरचना को काफी ध्यान रखता है। कैल्शियम हमारे शरीर में आवश्यक खनिजों में से एक होता है जो हड्डियों, दांतों और ब्लड के लिए काफी आवश्यक होता है। ऐसे में कैल्शियम की आवश्यकता को पूरा करने का काम छाछ करता है।

छाछ का कैसे करें सेवन

आमतौर पर छाछ का प्रयोग खाना पकाने में किया जाता है। इसके अलावा इसका प्रयोग स्वाद बढ़ाने के लिए भी किया जाता है। आप छाछ का प्रयोग मसालों के साथ भी कर सकते हैं। छाछ का प्रयोग सलाद, स्मूदी और सूप जैसे कई प्रकार के व्यंजनों में किया जाता है।

छाछ का सेवन करने से जुड़े कुछ टिप्स:

  • अगर आपको पेट से संबंधित कोई परेशानी हैं तो ऐसे में आपको खाली पेट छाछ पीना चाहिए। इसमें मौजूद लाभकारी बैक्टरिया पाचन  संबंधी दिक्कतों में काफी मदद करता है।
  • रात में छाछ पीने से अच्छी नींद आती है। दरअसल,छाछ में कैल्शियम सामग्री और अमीनो एसिड ट्रिप्टोफैन के कारण अच्छी नींद की गुणवत्ता को बढ़ावा देने में काफी मदद करते हैं।
  • अगर आप चाहें तो सांबर, करी, स्कोन और सॉस जैसे कई व्यंजनों के स्वाद को बढ़ाने के लिए छाछ का उपयोग कर सकते हैं।

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छाछ के साइड इफेक्ट्स:

  • अगर आपको बुखार या जुकाम हैं तो रात के समय में छाछ का सेवन करने से बचें। छाछ आपकी सर्दी को काफी खराब कर सकती है।
  • जिन लोगों को दूध से एलर्जी हैं उन्हें छाछ का सेवन करने से बचना चाहिए। छाछ का सेवन करने से आपको मतली, उल्टी, घरघराहट, पित्ती, पेट खराब और एनाफिलेक्सिस जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
  • जो लोग कम कैलोरी खाना चाहते हैं तो उन्हें छाछ का सेवन करने से बचना चाहिए, क्योंकि छाछ में कैलोरी की मात्रा अधिक होती है और इसके सेवन से आपकी कैलोरी बढ़ जाएगी।

छाछ में बहुत अधिक मात्रा में सोडियम होता है। ऐसे में हाई ब्लड प्रेशर और किडनी की समस्या वाले लोगों को इसका सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

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डिस्क्लेमर: इस लेख में बताई गयी जानकारी सामान्य और सार्वजनिक स्रोतों से ली गई है। यह किसी भी तरह से चिकित्सा सुझाव या सलाह नहीं है। अधिक और विस्तृत जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने डॉक्टर से परामर्श लें। BeatoApp इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है।

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Anand Kumar

Anand Kumar

आनंद एक पत्रकार होने के साथ-साथ कंटेट राइटर भी हैं। फिलहाल वह BeatO पर हेल्थ से जुड़े विषयों पर लिख रहे हैं। उन्होंने कई मीडिया संस्थानों के साथ काम किया है। उनके पास मीडिया में काम करने का 4 साल से ज्यादा का अनुभव है। उन्होंने राजनीतिक-सामाजिक विषयों पर ग्राउंड रिपोर्टिंग के साथ-साथ विभिन्न प्लेटफार्मों के लिए कई लेख भी लिखे हैं।

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