Home  »  Blog  »  डायबिटीज बेसिक्स   »   क्या है Anti-CCP टेस्ट (Anti CCP Test in Hindi), जानिए कैसे और क्यों किया जाता है

क्या है Anti-CCP टेस्ट (Anti CCP Test in Hindi), जानिए कैसे और क्यों किया जाता है

1493 0
anti ccp test in hindi
5
(2)

Anti-CCP टेस्ट यानी एंटीबॉडी साइक्लिक सिट्रुलिनेटेड पेप्टाइड टेस्ट को हमारे शरीर में ऑटोइम्यून डिस्ऑर्डर का पता लगाने के लिए किया जाता है. कई तरह के ऑटोइम्यून डिसऑर्डर होते हैं, उनमें से एक रूमेटाइड आर्थराइटिस ऑटोइम्यून डिसऑर्डर होता है, जिसे हम गठिया के रूप में जानते हैं. इस स्थिति में दर्द और सूजन की समस्या देखने को मिलती है. एंटी-सीसीपी टेस्ट (Anti CCP Test in Hindi) से रुमेटाइड आर्थराइटिस के गंभीर होने का पता चलता है. इस टेस्ट को सीसीपी एंटीबॉडीज, एंटी-सीसीपी, एंटीसिटुलिनेटिड पेप्टाइड एंटीबॉडीज और एसीपीए टेस्ट के नाम से भी जाना जाता है.

Free Doctor Consultation Blog Banner_1200_350_Hindi (1)

क्या होते हैं ऑटोइम्यून डिसऑर्डर

ये एक ऐसी बीमारी होती है, जिसमें हमारा इम्यून सिस्टम हमारे खराब पार्टिकल्स को मारने के बजाय हेल्दी सेल्स को नुकसान पहुंचाने के साथ ही खत्म भी करने लगते हैं. इस स्थिति को ऑटोइम्यून डिसऑर्डर कहा जाता है. इसे आप इस तरह से भी समझ सकते हैं. बाहरी खतरों से बचने के लिए हमारा इम्यून सिस्टम एंटीबॉडी बनाता है, लेकिन कई बार इनमें गड़बड़ी के चलते शरीर के हेल्दी सेल्स को बाहरी समझकर उनपर ही हमला कर देता है. जिसकी वजह से व्यक्ति को ऑटोइम्यून बीमारियां होती हैं.

ये भी पढ़ें-क्यों किया जाता है RDW ब्लड टेस्ट (RDW Blood Test), जानिए इसके बारे में सबकुछ

ये हमारे शरीर के किसी भी टिशू पर हमला कर सकते हैं. जैसे- ब्लड, स्किन, मांसपेशियां, जॉइंट्स, थायरॉइड जैसे एंडोक्राइन ग्लैंड और पैंक्रियाज. इनपर इसका हमला होने पर यह क्षतिग्रस्त हो सकते हैं. जिसकी वजह ये सही से काम नहीं भी कर सकते हैं. इसके साथ ही जिस अंग पर इनका हमला हो उनमें असमान्य रूप से वृद्धि भी देखने को मिल सकती है. इनका ही पता लगाने के लिए ही Anti-CCP टेस्ट किया जाता है.

क्या है Anti-CCP टेस्ट (What is Anti-CCP Test in Hindi)

एंटी सीसीपी टेस्ट एक तरह का ब्लड टेस्ट होता है. इस टेस्ट को हमारे खून में एंटी-सीसीपी एंटीबॉडीज या साइक्लिक सिट्रुलिनेटेड पेप्टाइड की मात्रा कितनी है, ये जानने के लिए किया जाता है. इस टेस्ट के जरिए हमें गठिया जैसी बीमारी का पता चलता है. वहीं, अगर गठिया जैसी बीमारी है तो उससे कितना खतरा है इसका भी पता चलता है. इतना ही इससे यह भी पता चलता है कि भविष्य में गठिया जैसी बीमारी हो सकती है या नहीं.

ये भी पढ़ें-थायरॉयड में T3, T4 और TSH टेस्ट (T3, T4, TSH Test in Hindi) का क्या मतलब, जानें इसके बारे में सबकुछ

Anti-CCP टेस्ट के रिजल्ट का मतलब (Meaning of Anti-CCP Test Result in Hindi)

एंटी सीसीपी टेस्ट को अक्सर रूमेटाइड फैक्टर के साथ कराया जाता है. यह भी एक तरह का ब्लड टेस्ट होता है, जिसे शरीर के इम्यून सिस्टम से बने प्रोटीन के बारे में जानने के लिए किया जाता है. इम्यून सिस्टम इन जर्म्स पर हमला करने के लिए एंटीबॉडी बनाता है, आपके सेल्स पर ही हमला करने लगता है. जिसकी वजह से आप बीमार हो सकते है.

बता दें कि एंटी सीसीपी टेस्ट की रिपोर्ट की नार्मल रेंज 0।5 u/ml से कम होनी चाहिए. अगर आपके टेस्ट रिपोर्ट में इससे ज्यादा दिखाई देता है तो आप पॉजिटीव है. वहीं, अगर नॉर्मल रेंज से कम हैं तो आप निगेटिव है. इसे आप इस तरह से समझ सकते हैं, टेस्ट रिपोर्ट में पॉजिटीव आने का मलतब है कि व्यक्ति गठिया जैसी बीमारी का शिकार हो गया है. जिसमें उसे दर्द और सूजन जैसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है. अगर व्यक्ति का एंटी सीसीपी टेस्ट पॉजिटिव है और RF टेस्ट नेगेटिव है तो वह यह बताता है कि इंसान को गठिया जैसी बीमारी तो है, जो या तो शुरुवाती स्टेज में है या फिर आगे चलकर वह इसका रोगी हो सकता है. वहीं अगर निगेटिव है तो उसे गठिया जैसी बीमारी नहीं है.

ये भी पढ़ें-क्या है एचसीवी टेस्ट (HCV Test), क्यों किया जाता है और कब

एकस्पर्ट्स के मुताबिक इंसान के शरीर में एंटी सीसीपी की बहुत कम मात्रा में पाई जाती है, लेकिन जब उसे गठिया जैसी बीमारी होती है तो इंसान के शरीर में इसकी ज्यादा मात्रा में प्रोड्कशन करने लगती है, जिससे एंटी-सीसीपी की मात्रा बढ़ जाती है इसके साथ ही इंसान की समस्या भी बढ़ जाती है.

क्यों जरूरी है Anti-CCP टेस्ट (Why Necessary Anti-CCP Test in Hindi)

  • गठिया जैसी बीमारी के इलाज और उसकी निगरानी रखने के लिए यह टेस्ट की बहुत जरूरी है. इस टेस्ट की मदद से डॉक्टर रोगी के सही स्थिति का पता लगाकर उसका सही तरीके से इलाज करते हैं.
  • इस टेस्ट की मदद से गठिया जैसी बीमारी का पता लगाने में मदद मिलती है. ये इंसान के शरीर में पाए जाने वाले एंटी-साइक्लिक सिट्रुलिनेटेड पेप्टाइड एंटीबॉडी का पता लगाता है. जिसकी वजह से ही उसे गठिया का रोग होता है.
  • इस टेस्ट की मदद से गठिया के प्रकारों को जानने में मदद मिलती है, ताकि उसके हिसाब से रोगी का इलाज किया जा सकें.
  • इस टेस्ट के आधार पर डॉक्टर गठिया जैसी बीमारी के लिए सही इलाज तैयार करते हैं. खासकर जब टेस्ट का रिजल्ट पॉजिटीव आता है.
  • इस टेस्ट के मदद से रोगी की स्थिति के बारे में सटीक पता लगाया जाता है, ताकि मरीज में इन्फेक्शन को ज्यादा बढ़ने से रोका जा सकें और सही ट्रीटमेंट दिया जा सकें.
  • इससे यह भी पता लगाने में मदद मिलती है कि रोगी का जो इलाज किया जा रहा है उसका असर हो रहा है या नहीं. अगर इलाज का असर नहीं दिखाई दे तो उसे सही समय पर बदला जा सकें.
  • इसके साथ ही इस टेस्ट की मदद से यह भी पता लगाया जाता है कि रोगी में ये कब और कैसे शुरू हुआ और समय के साथ वह कैसे अपने आपको बदला.

ये भी पढ़ें-क्या होता है HCT ब्लड टेस्ट (HCT Blood Test), जानें पूरी रिपोर्ट का मतलब

Anti-CCP टेस्ट से जुड़ी कुछ जरूरी बातें

  • इस टेस्ट को करवाने से पहले किसी तरह के फास्टिंग की जरूरत नहीं होती है.
  • इस टेस्ट के लिए जब आपके बांह से ब्लड सैंपल लिया जाता है तो उसे SST Tube से लिया जाता है, जो गोल्डन कलर का होता है.
  • इस टेस्ट की रिपोर्ट उसी दिन मिल जाती है, जिस दिन इस टेस्ट को कराया जाता है.
  • अगर आप किसी तरह की कोई दवा ले रहे हैं तो टेस्ट से पहले अपने डॉक्टर को इसके बारे में जरूर बताएं. दरअसल ये आपके टेस्ट को रिजल्ट को इफेक्ट कर सकते हैं.

रुमेटाइड आर्थराइटिस के लक्षण

  • इस बीमारी में आपको जोड़ों में दर्द और सूजन की समस्या होगी.
  • जोड़ों और पैर के निचले हिस्से में सूजन हो सकती है.
  • जब आप सुबह सो कर उठेंगे तो आपको जोड़ों में जकड़न महसूस होगा.
  • हल्का बुखार रहेगा.
  • आराम करने के बाद भी थकान का महसूस होना.

ये भी पढ़ें-RA फैक्टर टेस्ट (RA Factor Test) क्या होता है, जानिए कारण, लक्षण और इलाज

एंटी सीसीपी टेस्ट उन लोगों के लिए बहुत जरूरी है जो गठिया जैसी बीमारी से पीड़ीत है. यह टेस्ट बीमारी का पता लगाने से लेकर उसका इलाज करने तक में मदद करता है. इसके साथ ही वह किस स्टेज में है और कितना ठीक हुआ है, इसके बारे में भी पता चलता है. अगर आपको जोड़ों में दर्द, सूजन, सुबह के समय जकड़न, बुखार, थकान और कमजोरी जैसे लक्षण महसूस हो तो आपको अपने डॉक्टर से परामर्श लेकर इस टेस्ट को जरूर करवाना चाहिए.

डॉ. नवनीत अग्रवाल के पास डायबिटीज विज्ञान और मोटापा नियंत्रण में 25+ वर्ष का अनुभव है। इसके अलावा, वह BeatO में मुख्य क्लीनिकल अधिकारी हैं और व्यक्तिगत केयर प्रदान करते हैं। बिना किसी देरी के अपना परामर्श बुक करें और साथ ही BeatO का सर्वश्रेष्ठ ग्लूकोमीटर आजमाएँ और अभी अपना ब्लड शुगर लेवल चैक करें।

डिस्क्लेमर: इस लेख में बताई गयी जानकारी सामान्य और सार्वजनिक स्रोतों से ली गई है। यह किसी भी तरह से चिकित्सा सुझाव या सलाह नहीं है। अधिक और विस्तृत जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने डॉक्टर से परामर्श लें। BeatoApp इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है।

How useful was this post?

Click on a star to rate it!

Average rating 5 / 5. Vote count: 2

No votes so far! Be the first to rate this post.

We are sorry that this post was not useful for you!

Let us improve this post!

Tell us how we can improve this post?

BeatO स्टाफ राइटर

BeatO स्टाफ राइटर

BeatO इन-हाउस राइटिंग टीम द्वारा प्रकाशित रचनात्मक रूप से लिखे गये सेहत संबंधी लेख।

Leave a Reply

Index